avneet kaur,Avneet Kaur Images,avneet kaur faishion
बचपन में सोचता था चाँद को छू लूँ, आपको देखा और छुआ तो ख्वाहिशे पूरी हुयी।
उनके हुस्न का आलम न पूछिये, बस तस्वीर हो गया हूँ, उनकी तस्वीर देखकर।
हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का, कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो?।
लगता हैं खुदा ने एक ही हसीं चेहरा बनाया हैं, और वो मेरे सामने हैं।
बचपन में सोचता था चाँद को छू लूँ, आपको देखा और छुआ तो ख्वाहिशे पूरी हुयी।
उनके हुस्न का आलम न पूछिये, बस तस्वीर हो गया हूँ, उनकी तस्वीर देखकर।
हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का, कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो?।
लगता हैं खुदा ने एक ही हसीं चेहरा बनाया हैं, और वो मेरे सामने हैं।
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